कोर्ट ने कहा अनाज के पर्याप्त भंडारण के प्रबंध की जिम्मेदारी शासन, क्या योजना है बताये ?

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इंदौर
 जनता से वसूले कर से ही सरकार करोड़ों रुपये का अनाज खरीदती है, लेकिन न इसके भंडारण का पर्याप्त प्रबंध है, न बारिश से बचाने की व्यवस्था। शासन बताए कि उसने करोड़ों रुपये का अनाज खुले में सड़ने क्यों दिया? इसे बारिश से बचाने के क्या प्रबंध किए गए थे? भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सरकार के पास क्या योजना है?

उच्च न्यायालय ने सरकार से ये जवाब उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मांगा है जिसमें अनाज भंडारण के अपर्याप्त प्रबंध को मुद्दा बनाया गया है। याचिका पूर्व पार्षद महेश गर्ग ने अभिभाषक मनीष यादव और अदिति यादव के माध्यम से दायर की है। इसमें बताया है कि सरकार द्वारा किसानों से खरीदे गए अनाज के भंडारण के पर्याप्त प्रबंध नहीं होने से करोड़ों रुपये का अनाज खुले में रखना पड़ता है जो बारिश में भीगकर खराब हो जाता है। सरकार जनता से वसूले कर से ही उपज खरीदती है लेकिन भंडारण के उचित प्रबंध नहीं होने से हजारों क्विंटल अनाज सड़ जाता है। कोरोना महामारी ने अनाज के उचित भंडारण का महत्व बता दिया है।

याचिका में मांग की गई है कि शासन को अनाज के पर्याप्त और समुचित भंडारण के प्रबंध के आदेश दिए जाए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। शुक्रवार को हुई सुनवाई में शासन की तरफ से तर्क रखा गया कि याचिका अखबार में छपे समाचारों पर आधारित है। इसे निरस्त किया जाना चाहिए। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अखबार जनता की आवाज हैं। इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

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