गरीबों को आवास देने जुटा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, 210 दिन में तैयार हो रहे मकान

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भोपाल
गरीबों को आवास देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता को पूरा करने के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास की टीम पूरी ताकत से जुटी है। आवास पूर्णता के लिए विभाग द्वारा अपनाई जा रही रणनीति की बदौलत 2022-23 में प्रदेश के 45 लाख लोगों को पीएम आवास की छत उपलब्ध हो जाएगी। विभाग की सक्रियता के चलते मकान निर्माण की समयसीमा भी घटी है और 210 दिन में एक पीएम आवास बनकर तैयार हो रहा है। इसके साथ मकान निर्माण में आई तेजी का असर यह भी हुआ है कि एक दिन में 5 हजार आवास ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार हो रहे हैं।

प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 2 लाख 70 हजार पीएम ग्रामीण आवास बनाए गए थे। इस साल दो लाख पीएम आवास बनाए जा चुके हैं। मध्यप्रदेश में पीएम ग्रामीण आवास तैयार करने की गति में भी इजाफा हुआ है। पहले 274 दिन में पीएम ग्रामीण आवास तैयार किए जाते थे। अब रिकार्ड 210 दिन के भीतर मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास तैयार हो रहे हैं। ताजा अपडेट्स के अनुसार पीएम आवास योजना ग्रामीण में अब तक 26.37 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही 11.50 लाख आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है। हर माह साठ हजार पीएम आवास मध्यप्रदेश में तैयार किए जा रहे हैं। 6.90 लाख आवासों के लिए राशि की मंजूरी केन्द्र सरकार ने हाल ही में दी है। आवास प्लस में कुल 17.50 लाख आवास और बनाए जाने हैं।

बिहार के बाद देश में दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव स्वयं इस योजना की मानीटरिंग कर रहे हैं। अब तक वे 20 ये अधिक जिलों में जाकर सैकड़ों पीएम आवास के निर्माण कार्य और पूर्ण आवास देख चुके हैं। पीएस के स्वयं अचानक पीएम आवास के निरीक्षण के लिए पहुंचने के कारण इन भवन निर्माण में ठेकेदार गुणवत्तापूर्ण निर्माण कर रहे हैं। नई डिजाइनों के आवास भी तैयार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश बिहार के बाद पूरे देश में दूसरे नम्बर पर आ गया है।

स्वसहायता समूहों को जोड़ा
पीएम आवास योजना में गति लाने और महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महिला स्वसहायता समूहों को जोड़ा गया है। महिलाओं के स्वसहायता समूहों को सेंट्रिंग का सामान दिलाकर इसी सेंट्रिंग का उपयोग प्रदेशभर में किया जा रहा है। इससे प्रदेश में पीएम आवास निर्माण में गति आई है। इससे महिलाओं की आमदनी भी बढ़ी है और गांव के लोग गांव की महिलाओं के समूहों को ही काम दे रहे है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर सेट्रिंग ले जाना भी आसान है।

रेत के दाम कम कराए
पीएम आवास  योजना में रेत के दाम बढ़ने से आवासों की लागत बढ़ रही थी। इसके लिए कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत ने  बैठकें कर रेत के दाम कम कराए हैं। रेत ठेकेदारों से चर्चा कर उन्हें इसके लिए मनाया गया। इससे कम दाम पर इनके लिए रेत मिलना संभव हो गया है।

ग्रामीणों को उनके ही आवास पर मजदूरी भी
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत जिन हितग्राहियों के पीएम आवास बनाए जाने हैं उन्हें अपने ही मकान में तीन माह की मजदूरी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इसके लिए उन्हें 19 हजार रुपए दिए जाते हैं। पीएम आवास पर टायलेट निर्माण के लिए भी बारह हजार रुपए अलग से दिए जा रहे हंै।

तय आकार से बड़े बन रहे आवास
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 256 वर्गफिट के आवास बनाए जाते हैं लेकिन मध्यप्रदेश में जो आवास बन रहे है वे सभी साढ़े तीन सौ वर्गफीट और उससे अधिक आकार के ही बन रहे हैं। दरअसल पीएम आवास में हितग्राही स्वयं भी अपना अंश लगा रहे हैं। इसके लिए मिलने वाली सरकारी मदद में इस अंश के बढ़ जाने से बड़े आकार के सुविधाजनक आवास बनाया जाना संभव हो रहा है। पौने दो लाख रुपए इन आवास के लिए सरकारी तौर पर मिलते है। इसके अलावा मजदूरी, टायलेट के लिए अलग से राशि मिलती है।

इनका कहना
पीएम आवास के काम में तेजी लाने के साथ काम रुकने की वजह भी पता कराते हैं, जिसकी बदौलत अधूरे निर्माण कार्य तेजी से पूरे हुए हैं। चालू वित्त वर्ष में 45 लाख लोगों को पीएम आवास की छत उपलब्ध हो जाएगी।
उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास

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